Saindhav Ka Paryayvachi Shabd
सैंधव का पर्यायवाची शब्द क्या होता है?
सैंधव अर्थ – सिंध प्रांत या प्रदेश, लवण या नमक, प्रदेश का घोड़ा या सिंधी घोड़ा. पर्यायवाची शब्दों का प्रयोग इसके मतलब के अनुसार करें.
सैंधव के 10 पर्यायवाची शब्द निम्नलिखित हैं
- अश्व – Ashv
- बाजी – Baajee
- तुरंग – Turang
- हय – Hay
- घोटक – Ghotak
- घोड़ा – Ghoda
- रविसुत – Ravisut
- सर्ता – Sarta
- दधिका – Dadhika
- रविपुत्र – Raviputr.
Saindhav Related Hindi To English Meaning
- अश्व – horse
- तुरंग – horse
- हय – horse, yak
- घोटक – horse
- घोड़ा – horse
- रविसुत – सूर्य का पुत्र.
- कमल, पेड़, फूल, जंगल, Amrit,
- जल, पर्वत, नदी, बादल, समुद्र.
- तालाब, सूर्य, हवा, Aakash, Prithvi.
- Chandrama, Dharti, Ghar.
- चांदनी, दिन, राजा, रात, Saraswati.
- आग, तलवार, गंगा, विविध.
- Sharir, Manushya, दूध.
- त्रुटि, चिंता, पाप, सपना, रास्ता, दृश्य, गर्भ.
- स्तुति, सच, समाप्ति, बेशुमार.
- पक्षी, शेर, हंस, Ghoda, Bandar, बगुला.
- मछली, घोटक, गाय, हाथी, गधा, जानवर, जुगनू.
- मोर, सांप, अजगर, मच्छर, बटरफ्लाई, कोयल.
- Pita, नाना, Patni, माता, बेटी, लड़का, लड़की
- जान, दत्तक पुत्र, सास की माता, बहन, गे
- मेहमान, दोस्त, महिला, बेटा, जुड़वा, पति.
- अ – आ – इ – ई – उ – ऊ – ऋ – ए – ऐ – ओ
- औ – क – ख – ग – घ – च – छ – ज – झ – ट
- ठ – ड – ढ – त त्र – थ – द – ध – न – प – फ
- ब – भ – म – य – र – ल – व – श – ष – स – ह.
- Class 4th
- Class 5th
- Class 6th
- Class 7th
- Class 8th
- Class 9th
- Class 10th
- Class 11th
- Class 12th
- Competitive Exams.
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समान अर्थ रखने वाले शब्द पर्यायवाची शब्द कहलाते हैं. चूँकि इनके अर्थ में समानता अवश्य रहती हैं. परंतु इनका प्रयोग विभिन्न प्रकार से होता है.
- आचार्य रामचंद्र शुक्ल के अनुसार, पर्यायवाची शब्द तीन प्रकार के होते हैं.
- पूर्ण – वाक्य में यदि एक शब्द के स्थान पर दूसरे शब्द को रखा जाए उसके अर्थ में कोई अंतर न पड़ता हो, तो वह शब्द उसका पूर्ण पर्याय कहलाता है.
- पूर्णापूर्ण – दूसरे शब्दों में जब एक प्रसंग का समानार्थी शब्द दूसरे प्रसंग में असमानता अर्थ का बोध स्पष्ट करता हो तो उस शब्द को पूर्णापूर्ण पर्याय कहते हैं.
- अपूर्ण – कोई भी व्यक्ति शब्दों के अर्थ की छाया बदल-बदल कर अपने-अपने ढंग से प्रयोग करता है और उसके विषय की व्यापकता के परिपेक्ष्य में उसी शब्दों का प्रयोग नये में अर्थ में होने लगता हो, उस शब्द को अपूर्ण पर्याय कहते हैं.
पर्यायवाची शब्द का प्रयोग विभिन्न प्रकार से होता है. जिसके कारण एक ही व्यक्ति अथवा वस्तु का नाम उसके विभिन्न गुणों एवं धर्मों के अनुरूप करना होता है.
क्योंकि एक ही नाम सभी स्थानों पर उपयुक्त नहीं होता है.
कामिनी-जगत एवं नारी-जगत दोनों ही पर्यावाची शब्द हैं. कामिनी जगत के जगह नारी जगत का प्रयोग करना कितना हास्यास्पद है.
इसीलिए कहा जाता है कि पर्यायवाची शब्दों के सही मतलब समझिए. तभी पर्यायवाची शब्द का प्रयोग उसके विभिन्न गुणों एवं धर्मों के अनुरूप करें.