त – अक्षर से पर्यायवाची शब्द

अक्षर से पर्यायवाची शब्द निम्नलिखित हैं. 

  • तालाब- पोखर, सर, सरोवर, सरसी, जलाशय, कासार, तड़ाग, ताल, ह्रद, छद, दह, पुष्कर. 
  • तलवार- कृपाण, असि, खड्ग, करवाल, शम्शीर, चन्द्रहास. 
  • तम- अँधेरा, अन्धकार, तिमिर, तमिस्रा, ध्वान्त. 
  • तरुणी- यौवनवती, युवती, सुन्दरी, नवयुवती, रमणी, प्रमदा, मनोज्ञा. 
  • तरु- वृक्ष, पेड़, पादप, विटष, द्रुम. 
  • तटस्थ- निष्पक्ष, उदासीन, निरपेक्ष, बेलाग, निर्लिप्त. 
  • तरंग- लहर, हिलोर, वीचि, उल्लोल, उर्मि. 
  • तनिक- जरा, थोड़ा, लेशमात्र, किंचित, रंचमात्र. 
  • तथापि- तिसपर भी, तो भी, फिर भी, इसके बावुजूद, तदपि. 
  • तन्मयता- एकाग्रता, लगन, ध्यानमग्नता, तल्लीन, तल्लीनता, लवलीनता. 
  • तन्मय- लवलीन, लीन, मग्न, ध्यानमग्न, तल्लीन. 
  • तामरस- नीरज, पंकज, कमल, सरसिज, इन्दीवर, पुण्डरीक. 
  • तीखा- तेज, पैना, तीक्ष्ण, प्रखर. 
  • तेज- तीव्र, द्रुत, क्षिर्प. 
  • तानाशाह- अधिनायक, डिक्टेटर, निरंकुश शासक. 
  • तोता- सुग्गा, सुआ, शुक, प्रिय, कीर, दाड़िम, रक्ततुण्ड. 
  • तत्पर- तैयार, मुस्तैद, संन्नद्ध, कटिबद्ध, उद्यत. 
  • तारतम्य- क्रम, परम्परा, सिलसिला. 
  • तरुण- जवान, युवक, नवयुवक, युवा, नवजवान. 
  • तादात्म्य- एकरुपता, एकात्मक, एकान्विता, अनन्यता, सारुप्य, तद्रुपता, अभिन्नता. 
  • तिरस्कार- अपमान, बेइज्जती, निरादर, उपेक्षा, अवहेलना, अवमानना. 
  • तालिका- सूची, सारणी, फेहरिस्त. 
  • तैयार- मुस्तैद, तत्पर, सन्नद्ध, कटिबद्ध, उद्यत. 
  • तालमेल- संगति, सामंजस्य, सामरस्य, संहति, समन्वय, सुस्वरता. 
  • तुरन्त- तुरत, फटाफट, झटपट, त्वरित, त्वरा, सत्वर, क्षिप्र. 
  • तारा- नक्षत्र, तारक, उड्डगण, नखत. 
  • तेजस्वी- प्रतापी, तेजोमय, तेजवान्, कांतिमय, वर्चस्वी. 
  • तूफान- अंधड़, आँधी, झंझावात, झंझा, प्रभंजन. 
पर्यायवाची शब्द किसे कहते हैं
Synonym को हिंदी भाषा में पर्यावाची या समानार्थी कहते हैं. हिंदी भाषा में भी कुछ शब्द ऐसे होते हैं जिन का अर्थ दूसरे शब्द के लगभग समान अर्थ होते हैं उसे Synonym Word यानी पर्यावाची शब्द कहते हैं. पर्यावाची शब्द का परिभाषा – समान अर्थ रखने वाले शब्दों को पर्यायवाची शब्द कहते हैं. उदाहरण के तौर पर अनुपम का मतलब अनोखा होता है और आदित्य का मतलब यूनिक होता है. अनुपम एवं आदित्य के लगभग समान अर्थ हैं इसलिए यह दोनों शब्द पर्यायवाची शब्द है. 
पर्यायवाची शब्दों का ज्ञान क्यों आवश्यक है?
लेखन में लगातार एक ही शब्द का प्रयोग करने से लेखन उबाऊ हो जाता है. जिससे पढ़ने वाले को नयापन नहीं लगता है. पढ़ने वाले की दृष्टि से अगर उसे पर्यायवाची शब्द का सही मतलब समझ में आएगा तो भाषा की समझ बेहतर हो जाती है. भाषा की सुंदरता एवं आदित्यता बनाए रखने के लिए पर्यायवाची शब्द का प्रयोग आवश्यक माना होता है. लेकिन इसका प्रयोग ध्यान पूर्वक करना चाहिए. उचित शब्दों का चयन करना अति आवश्यक होता है.

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