द – अक्षर से पर्यायवाची शब्द

अक्षर से पर्यायवाची शब्द निम्नलिखित हैं. 

  • दक्ष- चतुर, कुशल, निपुण, होशियार, पारंगत, निष्णात, प्रवीण. 
  • दंगा- झगड़ा, फसाद, उत्पात, ऊधम, उपद्रव. 
  • दंग- हैरान, चकित, हक्का बक्का, आश्चर्यचकित, हतप्रभ, विस्मित. 
  • दण्ड- सजा, जुर्माना, हर्जाना, अर्थदण्ड. 
  • दया- रहम, करुणा, तरस, अनुकम्पा. 
  • दबाव- जबरदस्ती, बल-प्रयोग, जोर, जबर, दमन. 
  • दयाहीन- हृदयहीन, बेरहम, निर्दयी, कठोर हृदय, बेदर्द, पाषाण हृदय, करुणाहीन. 
  • दमन- वश, नियंत्रण, अवरोध, रोक, निग्रह. 
  • दमक- चमक, जगमगाहट, दीप्ति, कान्ति, द्युति, आभा. 
  • दयामय- दयालु, कृपालु, मेहरबान, दयावान, कृपानिधि, करुणामय. 
  • दरवाजा- पल्ला, किवाड़, द्वार, कपाट. 
  • दरबान- चौकीदार, द्वारपाल, चोबदार, प्रतिहार, प्रतिरक्षक. 
  • दरार- चीर, फटाव, कटाव, कटान, फटन. 
  • दर्द- तकलीफ, यातना, पीड़ा, व्यथा, यन्त्रणा. 
  • दर्जा- ओहदा, रुतबा, मर्तबा, पद, पदवी. 
  • दर्शन- भेंट, मुलाकात, आमना-सामना, साक्षात्कार. 
  • दर्प- घमंड, अहंकार, अभिमान, गर्व, दंभ. 
  • दल- समूह, गुट, संघ, गिरोह, दस्ता, टुकड़ी, जत्था, यूथ. 
  • दाग- धब्बा, कलंक, ऐब, दोष, लांछन. 
  • दलना- पीसना, मसलना, माँड़ना. 
  • दाँव- दाँव-पेंच, चाल, जुगुत, युक्ति, घात. 
  • दादा- बाबा, पितामह, आजा. 
  • दास- नौकर, सेवक, परिचर, अनुचर, किंकर, भृत्य, परिचायक, चाकर. 
  • दानव- दैत्य, राक्षस, निशाचर, असुर, शंबर. 
  • दासी- बाँदी, नौकरानी, किंकरी, परिचायिका, अनुचरी. 
  • दिनांक- तिथि, तारीख, मिति. 
  • दामिनी- चंचला, चपला, तड़ित, प्रभा, पीत-प्रभा. 
  • दिन- दिवस, दिवा, वासर, वार, अह्न. 
  • दिल- हृदय, जिगर, जिगरा, कलेजा, जी, मन, उर, अन्तःकरण, चित्त. 
  • दिव्य- लोकातीत, लोकोत्तर, स्वर्गिक, अलौकिक. 
  • दिखावटी- दिखाऊ, बनावटी, नकली, दर्शनी, आडम्बरी. 
  • दीन- निर्धन, दरिद्र, कंगाल, रंक, अकिंचन. 
  • दीपावली- दीवाली, दीपमाला, दीपमालिका, प्रकाशोत्सव, दीपोत्सव. 
  • दुःखी- पीड़ित, व्यथित, संतत, आर्त. 
  • द्विज- ब्रह्मज्ञानी, ब्राह्मण, वेदविद्. 
  • दुःख- संकट, पीड़ा, कष्ट, क्लेश, वेदना, व्यथा, यातना, खेद, क्षोभ, यन्त्रणा, सन्ताप, शोक, उत्पीड़न, विषाद, उद्वेग. 
  • दुबला- निर्बल, दुर्बल, कमजोर, कृश, तन्वी, कृशकाय. 
  • दुर्गा- दुर्गे, दुर्गम्या, दुर्गमता, चण्डी, चण्डिका, शक्ति, सिंहवाहिनी, कामाक्षी, कालिका, कल्याणी, कुमारी, महागौरी, सुभद्रा, नारायणी, महामाया, भवानी, भगवती, दुर्गातिशमनी, दुर्गापद्धिनिवारिणी, दुर्गमच्छेदनी, दुर्गसाधिनी, दुर्गनाशिनी, दुर्गनिहन्त्री, दुर्गमापहा, दुर्गमज्ञानदा, दुर्गदैत्यलोकदवानला, दुर्गया, दुर्गमगा, दुर्गमालोक, दुर्गमात्मस्वरुपिणी, दुर्गमार्गप्रदा, दुर्गमविद्या, दुर्गमाश्रिता, दुर्गमज्ञानसंस्थाना, दुर्गमध्यानभासिनी, दुर्गमार्थस्वरुपिणी, दुर्गमोह, दुर्गमासुर संहन्त्री, दुर्गभ, दुर्गमेश्वरी, दुर्गभीमा, दुर्गभामा, दुर्गदारिणी, दुर्गतोदारिणी, दुर्गमायुधधारिणी. 
  • दुर्बोध- जटिल, कठिन, दुरुह, गूढ़, क्लिष्ट. 
  • दुर्जन- दुष्ट, खल, धूर्त पिशुन, असज्जन, असन्त. 
  • दुर्लभ- नायाब, अप्राप्त, अलभ्य, विरल, दुष्प्राप्य. 
  • दूध- दुग्ध, क्षीर, पय, पीयूष, गोरस. 
  • दुविधा- असमंजस, कश्मकश, धर्मसंकट, आगापीछा, उहापोह. 
  • देह- काया, कलेवर, वपु, तनु, मूर्ति, विग्रह. 
  • दृढ़- अटूट, तगड़ा, पक्का, मजबूत, पुष्ट. 
  • देवता- देव, सुर, विवुध, अमर, निर्जर, त्रिदश, अमत्य, आदित्य, गीर्वाण. 
  • दुस्तर- कठिन, विकट, अगम्य, औघट. 
  • देवबाला- अप्सरा, देवनारी, देववधू, सुरबाला, सुरनारी, अमरनारी, देवांगना. 
  • दाँत- दन्त, रद, द्विज, मुखक्षुर, दशन, रदन. 
  • दोष- अवगुण, ऐब, बुराई, खराबी, दूषण. 
  • दोषी- अपराधी, कसूरवार, अपचारी, अभियुक्त. 
  • दर्पण- शीशा, आईना, आरसी, प्रतिमान, मुकुर. 
  • द्रौपदी- कृष्णा, पांचाली, याज्ञसेनी, द्रुपदसुता. 
  • द्वेष- शत्रुता, दुशमनी, खार, बैर, ईष्या, विरोध जलन, मात्सर्य, डाह. 
पर्यायवाची शब्द किसे कहते हैं
Synonym को हिंदी भाषा में पर्यावाची या समानार्थी कहते हैं. हिंदी भाषा में भी कुछ शब्द ऐसे होते हैं जिन का अर्थ दूसरे शब्द के लगभग समान अर्थ होते हैं उसे Synonym Word यानी पर्यावाची शब्द कहते हैं. पर्यावाची शब्द का परिभाषा – समान अर्थ रखने वाले शब्दों को पर्यायवाची शब्द कहते हैं. उदाहरण के तौर पर अनुपम का मतलब अनोखा होता है और आदित्य का मतलब यूनिक होता है. अनुपम एवं आदित्य के लगभग समान अर्थ हैं इसलिए यह दोनों शब्द पर्यायवाची शब्द है. 
पर्यायवाची शब्दों का ज्ञान क्यों आवश्यक है?
लेखन में लगातार एक ही शब्द का प्रयोग करने से लेखन उबाऊ हो जाता है. जिससे पढ़ने वाले को नयापन नहीं लगता है. पढ़ने वाले की दृष्टि से अगर उसे पर्यायवाची शब्द का सही मतलब समझ में आएगा तो भाषा की समझ बेहतर हो जाती है. भाषा की सुंदरता एवं आदित्यता बनाए रखने के लिए पर्यायवाची शब्द का प्रयोग आवश्यक माना होता है. लेकिन इसका प्रयोग ध्यान पूर्वक करना चाहिए. उचित शब्दों का चयन करना अति आवश्यक होता है.

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