Hindi Knowledge बढ़ाने के लिए आपको क्या-क्या जानना आवश्यक है, जानिए 

हिंदी का संपूर्ण नॉलेज

क्या आप हिंदी नॉलेज बढ़ाना चाहते हैं? आप इंटरनेट की दुनिया के एक बेहतरीन प्लेटफार्म पर प्रस्थान कर चुके हैं. यहां पर आपको हिंदी में ज्ञान बढ़ाने से संबंधित सभी कंटेंट मिल जाएंगे.

हिंदी का संपूर्ण नॉलेज
हिंदी का संपूर्ण नॉलेज

जिसे आप पढ़ने के बाद, हिंदी भाषा के अच्छे ज्ञानी में गिने जाएंगे. हमें पता है कि हम सब लोगों के पास समय की किल्लत होती है. आज की मांग है कि लोग कम समय में भाषा का विद्वान बन जाए.

इस बात को ध्यान रखते हुए, मैं कंटेंट को संक्षेप में लिखता हूं यही नहीं सरलतम भाषा का उपयोग करता हूं ताकि आप बहुत ही आसानी से कम समय में उसे पूरा पढ़ लें. 

अगर आप इन बातों को जान जाएंगे तो आप हिंदी का विद्वान बन जाएंगे 

  1. अनेक शब्दों के लिए एक शब्द
  2. अनेकार्थक शब्द
  3. अलंकार
  4. अव्यय
  5. उपसर्ग
  6. एकार्थक शब्द
  7. कारक
  8. क्रिया
  9. क्रिया विशेषण
  10. छन्द
  11. जीवन परिचय
  12. तत्सम-तद्भव शब्द
  13. निपात-अवधारक
  14. पद
  15. पर्यायवाची शब्द
  16. पुरुष
  17. प्रत्यय
  18. भाषा
  19. मुहावरे और लोकोक्तियाँ
  20. युग्म शब्द / समानार्थी शब्द
  21. रचनाये
  22. रस
  23. लिंग
  24. वचन
  25. वर्ण
  26. वाक्य
  27. विराम चिन्ह
  28. विलोम शब्द
  29. विशेषण
  30. विस्मयादि बोधक
  31. शब्द
  32. शुद्ध अशुद्ध वाक्य और शब्द
  33. संज्ञा
  34. संधि
  35. संबंधबोधक
  36. समास
  37. समुच्चय बोधक
  38. सर्वनाम
  39. साहित्य और ग्रंथ
  40. समाचार

ऊपर दिया गया सूची से आपको समझ में आ गया होगा कि आपको क्या-क्या पढ़ना होगा तभी आप हिंदी भाषा के विद्वान बन सकते हैं. 

इसके लिए आपको एक रूटीन बनाना होगा. जैसे आपने सुना होगा कि 40 दिनों में फराटे दार इंग्लिश बोलना सीखें. उसी प्रकार आप अगर अपने 40 दिनों को ऊपर दिए गए लिस्ट के अनुसार बांट देते हैं तो आप यकीनन Hindi Knowledge हासिल करने में कामयाब हो जाएंगे. 

निष्कर्ष

आप को संक्षेप में कहना चाहता हूं कि हिन्दी व्याकरण हिंदी भाषा को शुद्ध रूप में लिखने एवं बोलने संबंधी नियमों का बोध करानेवाला एक शास्त्र है. 

हिंदी के स्वरूप को चार भागो विभाजित किया गया है जिसमें वर्ण विचार के अंतर्गत ध्वनि एवं वर्ण, शब्द विचार के अंतर्गत शब्द के विविध पक्षों संबंधी नियमों, वाक्य विचार के अंतर्गत वाक्य संबंधी विभिन्न स्थितियों और छंद विचार में साहित्यिक रचनाओं के शिल्पगत पक्षों पर विचार किया जाता है.

आशा करता हूं कि आपको यह आर्टिकल समझ में आया होगा. अगर आपके पास इससे संबंधित कोई भी प्रश्न हो तो जरूर पूछिए, धन्यवाद. 

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